What atmosphere was created when Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav came together?

Global News Avatar

फ़रवरी की गुलाबी धूप में आगरा के टेढ़ी बगिया इलाक़े के चौक पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही जुटना शुरू कर दिया.

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में घर-घर लगाए गए भगवा झंडे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नए लगाए झंडों के बीच से झांक रहे हैं.

दोपहर होते-होते कार्यकर्ताओं की तादाद कई हज़ार में पहुँच गई. उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के अंतिम दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पहुँचने को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश था. आसपास के जिलों के सपा कार्यकर्ता और नेता भी बड़ी तादाद में सभा स्थल पहुँचे.

अखिलेश यादव मंच पर राहुल गांधी से क़रीब आधा घंटा पहले पहुंचे थे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उन तक पहुंचने की होड़ लगी थी.

कुछ उत्साही कार्यकर्ताओं ने मंच फांदकर उन तक पहुंचने की कोशिश की, इस ज़ोर-ज़बरदस्ती में मंच की रेलिंग टूट गई. अखिलेश ने कई बार हाथ से इशारा कर कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की.

राहुल और प्रियंका गांधी एक साथ पहुंचे. राहुल ने आगे बढ़कर अखिलेश यादव को गले लगाया.

आगामी लोकसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बँटवारे पर सहमति बनने के बाद दोनों पार्टियों के गठबंधन पर मुहर लगाने और कार्यकर्ताओं को मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत देने के लिए अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के अंतिम दिन शामिल हुए.

सात साल बाद एक बार फिर अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ नज़र आए. 2017 विधानसभा चुनावों से पहले साथ आए अखिलेश यादव और राहुल गांधी कुछ ख़ास नहीं कर सके थे और राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई थी.

कार्यकर्ताओं के हाथों में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के अलावा बाबा साहब आंबेडकर के भी झंडे थे. अखिलेश और राहुल गांधी ज़िंदाबाद के बीच रह-रह कर जय भीम का नारा भी सुनाई दे रहा था.

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोटों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने पीडीए यानी पिछड़ा दलित-अल्पसंख्यक का नारा दिया है. जगह-जगह लगे विशाल बैनरों में लिखा था- पीडीए ही इंडिया है.

अखिलेश यादव ने मंच से बोलते हुए कहा, “बाबा साहब के जिन सपनों को बीजेपी ने बर्बाद कर दिया है उन्हें पूरा करने के लिए हमें एक कसम खानी होगी- बीजेपी हटाओ, देश बचाओ, संकट मिटाओ.”

अखिलेश ने कहा, “आगरा मोहब्बत का शहर है, मुझे ख़ुशी है कि यहाँ उन्होंने मोहब्बत की दुकान खोली है, मुझे उम्मीद है कि इंडिया ब्लॉक पीडीए की लड़ाई एक साथ मिलकर लड़ी जाएगी और हम बीजेपी को हरा देंगे.”

अखिलेश यादव ने किसानों के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को वो सम्मान नहीं दिया है जिसके वो हक़दार हैं.

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि देश में पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की आबादी 88 प्रतिशत है लेकिन लेकिन देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मैनेजमेंट में इस वर्ग के लोग नहीं मिलेंगे, ये लोग आपको मनरेगा, कांट्रैक्ट लेबर की लिस्ट में मिलेंगे, हमें यही बदलना है और यही सामाजिक न्याय का मतलब है.

राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों को फसलों के लिए एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की लीगल गारंटी देने का वादा भी किया. इस मांग को लेकर किसान इस समय आंदोलन कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में इस समय बेरोज़गारी और प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक युवाओं के लिए बड़ा मुद्दा है. इस सभा में आए दो युवा, जो अपने आप को किसी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं बताते हैं, कहते हैं, “बेरोज़गारी हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. हमने पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी की थी लेकिन पेपर लीक हो गया. हमें ऐसा नेता चाहिए जो युवाओं के दर्द को समझे और बेरोज़गारी दूर करे.”

मोहित नाम का एक युवा कहता है, “मैं राहुल गांधी को देखने आया हूं. मुझे उनमें एक समझदार नेता नज़र आता है लेकिन आज कल जिस तरह की राजनीति हो रही है उसमें राहुल गांधी की बात लोगों तक पहुंच नहीं पा रही है.”

मोहित के साथ खड़ा उनका एक मित्र कहता है, “मैंने यूपी पुलिस भर्ती की बहुत दिल लगाकर तैयारी की लेकिन पर्चा लीक हो गया. मेरा भरोसा मौजूदा सरकार में टूटा है. मुझे लगता है कि अब युवाओं को धर्म-जाति से उठकर अपने मुद्दों पर मतदान करना होगा.”

इन दोनों युवाओं के पास खड़े एक पैंतालीस वर्षीय व्यक्ति कहते हैं, “राहुल और अखिलेश के साथ आने से मोदी का जादू कम नहीं होगा. मोदी ने दुनिया में भारत का कद बढ़ाया है, अब विश्व के बड़े-बड़े नेता भारत को झुककर सलाम करते हैं.”

”बाइडन और पुतिन जैसे नेता मोदी से हाथ मिलाने के लिए होड़ करते हैं. भारत सच्चे मायनों में विश्व गुरु बन रहा है. मोदी ने भारत को सम्मान दिया है, आज किसी की हिम्मत नहीं है कि भारत को आंख उठाकर देख ले. इसलिए आप देखना, इनकी रैली में भीड़ चाहे जितनी हो, ये देश का चुनाव है और वोट देश के लिए होगा.”

समाजवादी पार्टी से जुड़े एक दलित कार्यकर्ता को इस बात की खुशी थी कि अब पार्टी की रैलियों में जय भीम का नारा गूंज रहा है और भीमराव आंबेडकर के झंडे लहराये जा रहे हैं.

Global News Avatar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *