soorya devta ko jal chadhaane ke hain kaee phaayade, ye hai arghy dene ka tareeka

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भगवान सूर्य को आत्मा और ग्रहों का राजा माना जाता है। हिंदू धर्म में इनकी पूजा पाठ और अर्घ्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है। लेकिन क्या आपको पता है सूर्य को जल कैसे दें यानी सूर्य को अर्घ्य देने का सही तरीका। मान्यता है कि विधि विधान से अर्घ्य देने से ही संपूर्ण शुभ फल प्राप्त होता है।

सूर्य को अर्घ्य देने का नियम

मान्यता है कि रोज भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से भगवान भास्कर की कृपा प्राप्त होती है। धन वैभव और सम्मान की प्राप्ति होती है और कुंडली में सूर्य संबंधी दोष हैं तो उनका भी निराकरण होता है तो आइये महर्षि योगी आश्रम प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय से जानते हैं सूर्य को अर्घ्य देने का नियम क्या है।

1. प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व ही स्नान कर शुद्ध हो जाएं।
2. सूर्योदय होने पर भगवान भास्कर के सामने कुश आसन लगाएं।
3. आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में जल लें और इसमें मिश्री, लाल पुष्प, रोली चंदन, अक्षत मिलाएं। इसके बाद जैसे ही नारंगी किरणें दिखाई दें, दोनों हाथ से तांबे के पात्र से इस तरह सूर्य को अर्घ्य दें कि जल की धार से सूर्य दिखाई दें। मान्यता है कि इससे कुंडली में दूषित मंगल का उपचार भी होता है।
4. सूर्य को अर्घ्य देते समय इसका ध्यान रखें कि जल धारा आसन पर गिरे और न की जमीन पर।
5. जलधारा जमीन पर गिरने से जल में समाहित ऊर्जा धरती में चली जाएगी और अर्घ्य का संपूर्ण लाभ आपको नहीं मिल पाएगा।
6. इसी के साथ अर्घ्य देते समय ऊँ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते, अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकरः मंत्र का 11 बार जपें।
7. इसके बाद ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्र किरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहाः मंत्र पढ़ें।
8. इसके बाद सीधे हाथ की अंजुलि में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें और अपने स्थान पर तीन बार घूमें।
9. अब आसन उठाकर उस स्थान को नमन करें।
10. सूर्य को अर्घ्य देते समय गुड़ चढ़ाना चाहिए। इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।
सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे
अगर दिन की शुरुआत अच्छे कार्य और अच्छी बातों से किया जाय तो उसका असर पूरे दिन हमारे मन मिजाज पर रहता है। इसका परिणाम भी सकारात्मक होता है। इन्हीं कार्यों में से एक हम अपने जीवन में ढाल सकते हैं, वो है जीवन की आत्मा सूर्य को अर्घ्य देकर, उनका शुक्रिया अदा कर, उनका ध्यान कर। हिंदू धर्म में भगवान भास्कर को ग्रहों का राजा और आत्मा माना जाता है। मान्यता है कि सूर्य को जल देने से शुभ फल की प्राप्ति होती ही और सभी कष्ट दूर होते हैं। सुख सौभाग्य, धन वैभव में वृद्धि होती है। रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन पूजा की जाय तो भी उत्तम है। इस दिन सूर्य पूजा से कुंडली में सूर्य संबंधी दोष होने पर उनसे भी राहत मिलती है।

इस समय दें सूर्य को जल

शास्त्रों में माना गया है कि सूर्य को जल सूर्य उदय के एक घंटे के अंदर दे देना चाहिए, लेकिन आप अपनी दिनचर्या के अनुसार या अपनी सुविधा के अनुसार सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं. वैसे उगते सूर्य की आराधना जितनी जल्दी की जाए उतनी फलदायी होती है. सूर्य देव की आराधना भगवान श्री राम ने भी की थी.

रविवार का दिन सूर्य पूजा के लिए उत्तम माना गया है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है, ऐसा माना गया है कि प्रत्येक रविवार अगर आप सूर्य देव की आराधना करते हैं या सूर्य पूजन करते हैं तो आपकी सभी परेशानियां दूर होती हैं.

Source: (ABP,Patrika)

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