Fasting on Saturday is very beneficial. By observing this fast all sorrows and sufferings go away. Let us read this article to know the religious importance of this fast in detail.
शनिवार का दिन न्याय और दंड ते देवता शनि को समर्पित है. जिन लोगों पर शनि अपनी कृपा बरसाते हैं उनके बिगड़े काम मिनटों में बन जाते हैं और जिस से वह रूठ जाएं तो जीवन मुश्किल हो जाता है. शनिदेव अच्छे और बुरे दोनों ही कर्मों का फल देते है इसीलिए उनको कर्मफल दाता भी कहा जाता है.जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है उसे बड़े ही कष्ट झेलने पड़ते हैं और जिनकी कुंडली में शनि मजबूत होता है वो खूब तरक्की करते हैं. लेकिन हर मनुष्य यही चाहते है कि उस पर शनिदेव की कृपा बरसती रहे और उनकी दृष्टि कभी टेढ़ी न हो. अगर आप शनिदेव को खुश करना चाहते हैं तो शनिवार का व्रत बहुत लाभकारी है. इस व्रत को करने से सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं. आपको बताते हैं कि इस व्रत का महत्व क्या है, इसे कैसे रखें और इसकी पूजन और मंत्र विधि समेत सब कुछ यहां पढ़ें.
शनि व्रत और पूजा की विधि
शनिवार का व्रत रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए. इसके बाद साफ कपड़े धारण कर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए. शनिदेव की लोहे से बनी प्रतिमा को पंचामृत से नहलाएं फिर इस प्रतिमा को चावलों से बनाए गले कमल दल पर स्थापित करें और काले तिल, काला कपड़ा, तेल, धूप और दीप जलाकर शनिदेव की पूजा करें. इस दौरान शनि चालीसा पढ़ना न भूलें. इस दौरान शनि देव के 10 नामों और शनि मंत्र का जाप करें. अंत में शनि आरती गाकर पूजा का समापन करें. इस दौरान पूजा में हुई गलतियों के लिए सूरज पुत्र से क्षमा याचना कर लें.
शनिवार के व्रत का ये है नियम
अगर आप शनिवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो एक दिन पहले कोई तामसिक खाना नहीं खाएं. व्रत वाले दिन किसी के लिए भी अपशब्द न बोलें और न ही अपने मन में गलत सोचें.चीटियों को आंटा खिलाएं और गरीबों को भी दान दें. शनिवार का व्रत करने वाले को पूरे दिन फलाहार करना चाहिए. इस व्रत में दिन में अन्न नहीं खाना चाहिए. शाम के समय उड़द की दाल की खिचड़ी खाकर व्रत खोलने चाहिए. व्रत के अगले दिन सुबह नहाकर पूजा करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए, वरना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है. इस तरह से व्रत रखने से शनिदेव की कृपा बरसने लगती है और सौभाग्य के रास्ते खुल जाते हैं. इस दिन पूजा करते समय शनिदेव की आंखों में देखने की बजाय ध्यान उनके चरणों में रखना चाहिए.
शनिवार के व्रत का क्या है महत्व
शनिवार को व्रत करने से कुंडली में शनि ग्रह दोष खत्म हो जाता है. शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए यह व्रत काफी कारगर है. बिन लोगों की नौकरी में बाधा आ रही है या फिर कोई काम नहीं बन रहा है उनके काम भी इस व्रत को करने से बनने लगते हैं. सफलता के साथ ही मान सम्मान में भी बढ़ोतरी होती है. घर में सुख शांति आती है और स्वास्थ्य लाभ भी होता है. इसीलिए शनिवार का व्रत काफी शुभ फल देने वाला माना गया है.
शनि पूजा में महिलाएं न करें ये गलती
अगर महिलाएं शनिवार का व्रत कर रही हैं तो उनको गलती से भी शनि की प्रतिमा को छूना नहीं चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से उन पर नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव पड़ता है. महिलाओं को शनि की प्रतिमा पर तेल भी नहीं चढ़ाना चाहिए, यह नियम सिर्फ पुरुषों के लिए है. महिलाओं के लिए मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है
कैसे करें शनिवार का व्रत
- शनिवार का व्रत करने के लिए इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें.
- कोशिश करें स्नान हमेशा कुएं के जल या नदी के जल से करें.
- सुबह पीपल के वक्ष पर जल चढ़ाएं.
- मंदिर में शनि देव की लोहे की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं.
- शनिदेव को काले तिल, फूल, धूप, एक काले रंग का वस्त्र और तेल अवश्य चढ़ाएं.
- इसमे बाद शनिदेव के मंत्रों का उच्चारण जरुर करें.
- अंत में पीपल के पेड़ की 7 बीर परिक्रमा अवश्य करें.
- शनि की पूजा के बाद किसी गरीब को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें.
- शाम के समय व्रत का पारण करें.
- शनिवार व्रत का पारण काली उड़द की दाल और खिचड़ी से करना चाहिए.
- इसी तरह ये व्रत 7 शनिवार तक करें.
इसी तरह से आप कुल 7 शनिवार तक शनि देव की आराधना करें. 7 शनिवार का व्रत रखें और पूजा-अर्चना करें. शनि देव आपके सभी दुख हर लेंगे. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग शनि देव की उपासना करते हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं. शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत करना बेहद लाभकारी माना गया है. माना गया है कि शनिवार का व्रत रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
Source: (ABP News,TV9)
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